संसू, इटखोरी (चतरा)। वैसे तो गर्मियों के मौसम में तीन महीने तक खूब शादियां होती हैं। लेकिन इस बार 23 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि मई और जून में एक भी शादी का मुहूर्त नहीं है। अप्रैल में भी सिर्फ कुछ ही दिन शादियां हैं। उसके बाद फिर जुलाई माह में हीं शादी की शहनाई बजेगी। क्योंकि दो महीने तक शादियों का कोई मुहूर्त ही नहीं हैं।
इससे पहले साल 2000 में बनी थी ऐसी स्थिति
मां भद्रकाली मंदिर के पुजारी नागेश्वर तिवारी ने बताया है कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार अप्रैल माह में 26 अप्रैल तक ही शादी का मुहूर्त हैं। इसके बाद गुरु प्रधान राशि मीन में प्रवेश कर जाएंगे और सूर्य मिलन हो जाएगा।
इस कारण मांगलिक कार्यों की स्थिति नहीं बन रही है। इसके चलते 26 अप्रैल से दो महीने तक शादियां नहीं हो पाएंगी। 23 साल के बाद यह पहला अवसर है कि मई और जून के महीने में एक भी शादी का मुहूर्त नहीं है। ऐसी स्थिति वर्ष 2000 में इससे पहले बनी थी।
यह है वजह
उन्होंने यह भी बताया है कि हालांकि 10 मई को अक्षय तृतीया होने के कारण इस दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा। ऐसे में केवल 10 मई को शादी की जा सकती है। 26 अप्रैल के बाद जुलाई के महीने में शादी के सिर्फ चार मुहूर्त हैं।
9, 10, 15 तथा देवशयनी एकादशी के मौके पर 17 जुलाई को शादी का मुहूर्त है। इसके बाद चार महीने के लिए चातुर्मास शुरू हो जाएगा। हिन्दू धर्म में चातुर्मास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं।
हालांकि बीच में सावन, गणेश उत्सव तथा शारदीय नवरात्र में सगाई का कार्यक्रम किया जा सकता हैं। लेकिन शादी के शुभ मुहूर्त देवउठनी के बाद ही शुरू होंगे।
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